अधे शरीर पर साड़ी, आधे पर पैंट-शर्ट — कोर्ट में ‘अर्धनारीश्वर’ रूप में पहुंचा पिता, वजह जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
| आगर मालवा, मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के आगर मालवा कोर्ट परिसर में सोमवार को ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसे देखकर हर कोई चौंक गया। एक युवक ने अदालत में ‘अर्धनारीश्वर’ के रूप में — आधे शरीर पर साड़ी और आधे पर पैंट-शर्ट पहनकर हाजिरी दी। लेकिन यह वेशभूषा महज दिखावा नहीं थी — इसके पीछे एक गहरी कहानी, एक पिता का दर्द और कानून से लुका-छिपी का सफर छिपा था।
👤 कौन है यह ‘अर्धनारीश्वर’?
इस व्यक्ति का नाम मनोज बामनिया है। पेशे से फैशन डिजाइनर मनोज पर अपने ही ढाई साल के बेटे भव्यांश के अपहरण का आरोप है। पुलिस ने उस पर ₹10,000 का इनाम घोषित कर रखा था। लेकिन तीन महीने की फरारी के बाद वह अचानक अपने बेटे को गोद में लिए खुद कोर्ट पहुंच गया — और जिस वेश में आया, उसने सबका ध्यान खींचा।
💔 ‘ममता सिर्फ मां में नहीं, पिता में भी होती है’
मनोज ने अदालत में कहा,
“मैंने अपने बेटे को पूरे प्यार और ममता से पाला है। समाज सिर्फ मां को ममता का रूप मानता है, लेकिन पिता भी ममता रख सकता है — यही दिखाने के लिए मैंने यह रूप धारण किया।“
मनोज ने कहा कि अपहरण के बाद वह बेटे को लेकर इंदौर में रहा, और बीच-बीच में सूरत व मुंबई भी गया। उसका कहना है कि उसने बेटे की पूरी देखभाल की, और उसे मां की तरह ही प्यार दिया।
📅 अपहरण की घटना और FIR
यह मामला 16 मार्च 2025 का है। भव्यांश की मौसी रोशनी उसे मंदिर ले जा रही थी, तभी बोलेरो गाड़ी से आए लोगों ने उसे छीन लिया। जांच में शक की सुई सीधे मनोज पर गई। पत्नी रीना ने कोतवाली थाने में पति पर अपहरण का आरोप लगाया। बोलेरो जब्त की जा चुकी है, और मनोज के पिता समेत तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
👨👩👦 दो सालों से अलग, केस भी दर्ज
मनोज और उसकी पत्नी रीना पिछले दो वर्षों से अलग रह रहे हैं। रीना ने दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का केस महिला थाने में दर्ज कराया था। बच्चे की सुपुर्दगी कोर्ट ने मां को दी थी, लेकिन मनोज ने बार-बार बेटे को अपने पास रखने की जिद में कानून हाथ में लिया।
❝ फैशन डिजाइनर पिता की यह वेशभूषा महज ड्रामा नहीं, एक सामाजिक संदेश भी थी — ममता का लिंग नहीं, भावना होती है ❞
📸 वायरल तस्वीरें
कोर्ट परिसर में मनोज की ‘अर्धनारीश्वर’ वेश में बेटे को गोद में लिए तस्वीरें वायरल हो रही हैं। कुछ लोग इसे साहसिक प्रदर्शन मान रहे हैं, तो कुछ इसे कानून से खिलवाड़ बता रहे हैं।
📌 अब आगे क्या?
कोर्ट ने फिलहाल बच्चे को मां की सुपुर्दगी में भेज दिया है। मनोज को हिरासत में लिया गया है और पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। मामला अब पूरी तरह से न्यायालय के अधीन है।
🔍 समाज के लिए एक सवाल
क्या एक पिता का ममत्व भी वैसा ही मूल्य रखता है जैसा एक मां का?
क्या कानून केवल जैविक लिंग के आधार पर भावनात्मक रिश्तों का निर्धारण करता है?
मनोज बामनिया की यह अजीब लेकिन भावुक कहानी सिर्फ एक आपराधिक केस नहीं, समाज के सोचने के नजरिए पर भी सवाल है।
